sidh kunjika No Further a Mystery



श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं here पठेत्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ ११ ॥

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